शेयर बाजार में सोमवार से बड़े ही उतार-चढ़ाव की आशंका जताई जा रही है। शेयर बाजार (Stock Market) एक्सपर्ट का कहना है कि मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से इस सप्ताह के दौरान बाजार में कुछ उतार-चढ़ाव रह सकता है। इसके अलावा वैश्विक बाजारों (Global Markets) के रुझान और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां भी मार्केट की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगी। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. (Swastika Investmart Ltd.)
के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि, ‘‘26 जुलाई को अमेरिकी केंद्रीय बैंक ब्याज दर पर अपने निर्णय की घोषणा करेगा। संभावना यह जताई जा रही है कि फेडरल रिजर्व ब्याज दर में चौथाई प्रतिशत की और वृद्धि (Increase) कर सकता है। इस घोषणा के दौरान बाजार भागीदारों की निगाह फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) की टिप्पणी पर भी रहेगी। इसके अलावा 28 जुलाई 2023 को बैंक ऑफ जापान भी अपने नीतिगत फैसले की घोषणा करेगा।" इससे मार्किट में गिरावट जारी रह सकती है। कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशकों को सर्तकता से बाजार में पार्टिसिपेट (Participate) करना चाहिए। इसके अलावा ब्याज दर पर U.S. Central Bank Federal
Reserve के निर्णय तथा भारतीय कंपनियों के जून तिमाही के नतीजों से इस सप्ताह शेयर मार्किट की दिशा तय होगी। आपको बता दू कि शुक्रवार को सेंसेक्स (Sensex) 887.64 अंक की बड़ी गिरावट के साथ 66,684.26 अंक पर बंद हुआ था। वही निफ्टी (Nifty) भी 234.15 अंक यानी 1.17 प्रतिशत से टूटकर 19,745 अंक पर बंद हुआ था।
कंपनियों के तिमाही रिजल्ट पर भी होगी नजर
उन्होंने बताया कि सप्ताह के दौरान बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, एक्सिस बैंक, एशियन पेंट्स, बीपीसीएल और टेक महिंद्रा जैसी कंपनियां अपने जून तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगी। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने शुक्रवार को अपने तिमाही नतीजों की घोषणा की थी। बता दू की कंपनी का तिमाही लाभ 11 प्रतिशत घटा है। ऐसे में सोमवार को सभी की निगाहें रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर पर रहेगी। मीणा जी ने कहा कि जुलाई के लिए वायदा एवं विकल्प खंड में बृहस्पतिवार (Thursday) को निपटान की वजह से भी बाज़ारों में उतार - चढ़ाव रह सकता है। और इसके अलावा बाजार भागीदारों (Market Participants) की नजर संसद के मौजूदा मानसून सत्र पर भी रहेगी।
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अमेरिकी फेड की बैठक पर रहेगी सबकी नजर
आगे उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी संस्थागत निवेशक पिछले तीन माह से भारतीय बाजार (Indian Market) में जमकर निवेश कर रहे हैं।" विश्लेषकों का कहना है कि डॉलर (dollar) के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव तथा ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी मार्किट की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services)
के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘निवेशकों की निगाह एफओएमसी (Federal Open Market
Committee) की बैठक पर रहेगी। इस बैठक में ब्याज दर में 25 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके अलावा निवेशक भविष्य में ब्याज दर को लेकर रुख के लिए फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की टिप्पणियों पर भी नजर रखेंगे।"
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विदेशी निवेशकों के रुझान पर भी नजर
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि, ‘‘बाजार कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजों, वैश्विक बाजारों (Global Markets) के रुख, कच्चे तेल के दाम तथा घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशकों की गतिविधियों से दिशा लेगा।" अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह के दौरान कंपनियों के तिमाही नतीजों पर बाजार भागीदारों की विशेष नजर रहेगी। सप्ताह के दौरान टाटा स्टील, केनरा बैंक, बजाज ऑटो, एशियन पेंट्स, बीपीसीएल, एलएंडटी, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, एक्सिस बैंक और नेस्ले जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों की घोषणा होनी है।" बीते सप्ताह BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 623.36 अंक या 0.94 प्रतिशत के लाभ में रहा। 20 जुलाई 2023 यानी बृहस्पतिवार को सेंसेक्स 67,619.17 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था।
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