दोस्तो जैसे की आप सब जानते हैं कि क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अब अनेकों सुविधाओं का लाभ मिलता है उनमें से एक सुविधा No Cost EMI है। आज अगर किसी कीमती सामान को emergency के लिए खरीदना हो तो उसके लिए उस समय पैसे नहीं होते है जिसके कारण आप उस समान को नहीं खरीद पाते हैं। लेकिन अब आप ईएमआई (EMI) के माध्यम से कभी भी समान को खरीद सकते हैं। इसके लिए e-commerce website आपको EMI कि सुविधा देती हैं। अगर आप यह नहीं जानते कि EMI का मतलब क्या होता है, तो चलिए पहले आपको यह बताता हूं कि ईएमआई क्या है और No Cost EMI क्या है?
EMI क्या होता है?
EMI का
Full Form 'Equated Monthly Installment' होता है और हिंदी में EMI का फुल फॉर्म 'समान मासिक किस्त' होता है। और यह उस निश्चित भुगतान राशि को कहा जाता है जिसे उधारकर्ता के द्वारा एक निश्चित समय पर ऋणदाता (Creditor) को दी जाती है। यह भुगतान मासिक कैलेंडर के तौर पर किया जाता है। ईएमआई तब तक लागू रहेगी जब तक उधारकर्ता, ऋणदाता से लिए गए लोन (Loan) का पूरा भुगतान नहीं कर देता है।
आज ज्यादातर सभी बड़ी कॉमर्स कंपनियां (Commerce Companies) जैसे कि Amazon, Flipkart, Myntra आदि EMI का विकल्प प्रदान करती हैं। कुछ पॉपुलर आइटम जिसे हम सब EMI पर खरीद सकते हैं वह मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी फ्रीज आदि हैं।
No Cost EMI क्या होता है?
No Cost EMI एक ऐसा तरीका है जिसके माध्यम से आप किसी प्रोडक्ट या सर्विस के लिए मासिक किश्तों में बिना किसी ब्याज के साथ ऋणदाता (Creditor) को भुगतान कर सकते हैं। फ्रेंड्स इसका मतलब यह है कि आप बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के प्रोडक्ट की कीमत का भुगतान कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए मान लीजिए आप Flipkart से 4 महीने की नो-कॉस्ट ईएमआई पर ₹24000 रुपये का स्मार्ट फोन खरीदते हैं, तो आपको EMI प्रदाता या ऋणदाता को हर महीने ₹6000 रुपये का भुगतान करना होगा, जो कि बिना किसी ब्याज लागत के साथ 4 महीने में ₹24000 होगा।
वहीं, अगर आपने ₹24000 का फोन सिर्फ EMI पर खरीदा है। तो इसका पेमेंट EMI पर ब्याज सहित 4 महीने में करना है। वहीं No Cost EMI पर बिना ब्याज के भुगतान करना होता है।
No Cost EMI के फायदे
- आपकी सभी जरूरत वाली चीजें सस्ते में मिल जाती है। किसी कीमती सामान को इसके द्वारा आप आसानी से खरीद सकते है।
- ऋणदाता से लिया गया लोन (Loan) शून्य ब्याज पर मिल जाता है।
- आप No Cost EMI का लाभ अनेक तरह के प्लेटफॉर्म पर उठा सकते हैं जैसे की - Flipkart, Amazon, Paytm, Myntra आदि।
- आपको No Cost EMI ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से मिल जाते है।
No Cost EMI कैसे काम करती है?
दरअसल, आपको बता दू की नो-कॉस्ट ईएमआई सिर्फ ग्राहकों को लुभाने के लिए होता है. जैसे कि साधारण EMI में ब्याज लिया जाता है वैसे ही कंपनियां आप से इसमें भी ब्याज ले लेती हैं। चलिए आपको बताते हैं कि कंपनियां आपसे No Cost EMI पर ब्याज कैसे ले लेती है। आपसे ब्याज लेने के लिए कंपनियां दो तरीके अपनाती हैं।
पहला तरीका यह कि अगर किसी प्रोडक्ट या सर्विस का आप एकमुश्त पेमेंट कर देते है तो इसमें प्रोडक्ट या सर्विस में डिस्काउंट मिल जाता है। वहीं No Cost EMI पर किसी भी तरह का छूट (Discount) नहीं दिया जाता है। यानी कि आपको प्रोडक्ट को ओरिजिनल प्राइस पर ही खरीदना होता है। वहीं अगर दूसरे तरीके कि बात करें तो कंपनियां ईएमआई पर लगने वाले ब्याज को प्रोडक्ट की कीमत में ही शामिल कर देती है।
फ्रेंड्स अगर आपको ऐसा लग रहा है कि कंपनियां No Cost EMI पर ब्याज क्यों लेती है तो बता दू की हमारे देश की भारतीय रिजर्व बैंक ने जीरो परसेंट इंट्रेस्ट को अभी तक परमीशन नहीं दी है।
Zero Interest EMI पर क्यों नहीं खरीदना चाहिए?
Zero Interest EMI या No cost EMI पर प्रोडक्ट क्यों नहीं खरीदना चाहिए? आखिरकार मै आपको No Cost EMI पर प्रोडक्ट खरीदने की सलाह क्यों नहीं दे रहा हूं चलिए इसके बारे में भी जान लेते हैं।
दोस्तो
Flipkart, Amazon, Paytm जैसी ई कॉमर्स वेबसाइट या एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक आदि से किसी भी तरह का प्रोडक्ट खरीदने पर No cost EMI का विकल्प मिल जाता हैं। इससे आप कीमती सामान को बहोत आसानी से खरीद लेते है। परन्तु यह भी हो सकता है कि अगर आप किसी प्रोडक्ट को नगद खरीदते तो उस पर मिलने वाला डिस्काउंट EMI के ब्याज से अधिक हो सकता है।
ऐसा भी हो सकता है कि ईएमआई (EMI) के कारण आप अपने बजट से ज्यादा कीमती प्रोडक्ट को खरीद लेते हैं। जिसके कारण बाद में आपको भुगतान करने में दिक्कत होती है। अगर आप समय पर भुगतान नहीं किया तो आपको इसके लिए फाइन भरना होता है।
Credit Card पर नो कॉस्ट ईएमआई का क्या असर होगा?
अगर आप Credit Card के द्वारा नो कॉस्ट ईएमआई पर किसी तरह का सामान खरीद रहे हैं तो जितनी सामान कि कीमत होगी उतनी ही बराबर आपकी क्रेडिट कार्ड कि लिमिट वैल्यू को कम कर दिया जाएगा। उदाहरण के लिए मान लीजिए की आपने किसी कंपनी का फ्रिज ₹30000 में खरीदा। जो कि ज़ीरो इंटरेस्ट EMI पर था। अब आपका बिल तैयार किया जाएगा और जितनी भी आपकी क्रेडिट कार्ड की लिमिट वैल्यू होगी। उससे ₹30000 तक की लिमिट वैल्यू को घटा दिया जाएगा। जैसे आप EMI का भुगतान करते जाएगे वैसे वैसे आपकी क्रेडिट कार्ड की वैल्यू भी बढ़ती जाएगी।
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