लंपी वायरस क्या है? (What is Lumpy Virus)
फ्रेंड्स हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में लंपी वायरस (Lumpy Virus) दस्तक दे चुका है। शिमला (Shimla) में कुछ गांव में लंपी वायरस के मामले सामने आए हैं। और जिनकी संख्या 207 है, और अभी तक लगभग 11 पशुओं की मौत हो चुकी है। शिमला शहर से सटे पंथाघाटी और आनंदपुर क्षेत्र में 11 पशुओं की इस वायरस की वजह से मौत हो गई है। इस वायरस की वजह से पशुपालकों में हड़कंप मचा हुआ है।
लंपी वायरस (Lumpy Virus) की वजह से जो जानवर संक्रमित हो रहे हैं, उनके शरीर में दाने निकल आते हैं और उनको बुखार आने लगता है। लेकिन अधिकतर मामलों में स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो जाती है कि पशु की मौत भी हो जाती है।
दोस्तों भारत में लंपी वायरस का दस्तक पहली बार वर्ष 2019 में हुआ था। यह एक स्किन (Skin) की बीमारी है, जिससे पशुओं की त्वचा में ढेलेदार दाने या गांठ जैसी बन जाती है। इसे एलएसडीवी (LSDV) कहते हैं। और यह रोग एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलता है। बता दू यह रोग कैप्रीपॉक्स वायरस (capripox virus) की वजह से फैलता है। मिली हुई जानकारी के अनुसार यह रोग जानवरों में मच्छर के काटने की वजह से फैलता है।
लंपी वायरस के लक्षण कारण और बचाव (Lumpy Virus Symptoms,
Causes and Prevention)
देश के अधिकतर राज्यों में मवेशियों और पशु में लंपी वायरस (Lumpy Virus) का कहर बढ़ता ही जा रहा है। यह बीमारी एक तरह का चमड़ी रोग है। जिसमें भैंस या गाय, बैल की चमड़ी में मोती गांठें नजर आने लगती है। और यह वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है, कि उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्यप्रदेश में हजारों की संख्या में पशुओं की मौत भी हो रही है। राजस्थान, राज्य सरकार के मुताबिक अभी तक 2100 से ज्यादा गायों की इस वायरस की वजह से मौत हो चुकी है। और वहीं पर चार लाख से ज्यादा मवेशी इस रोग से ग्रसित बताए जा रहे हैं।
हालांकि डेयरी विभाग वालों की तरफ से इस रोग का टीका (vaccine) आ चुका है। खास तौर पर यह रोग कमजोर इम्यूनिटी वाले गाय, बैल या भैंस को प्रभावित करता है। इसके चलते इस रोग का अभी तक कोई ठोस इलाज ना होने की वजह से इस पर नियंत्रण अथवा रोकथाम करने के लिए केवल वैक्सीन (vaccine) ही दी जा सकती है। इस रोग के लक्षण शुरुआत में दिखाई नहीं देते, लेकिन आयुर्वेद से इस रोग को ठीक किया जा सकता है।
लंपी वायरस के लक्षण (Symptoms in Lumpy Virus)
पशुओं में लंपी वायरस के प्रमुख लक्षण पशुओं के वजन में कमी आना, उसे बुखार आना, आंखों से पानी टपकना, पशुओं के शरीर पर दाने निकलना, लार बहना, दूध कम देना और पशुओं के भूख ना लगना जैसे लक्षण है। और इसके साथ-साथ पशुओं का शरीर दिन प्रतिदिन खराब होने लगता है।
लंपी वायरस से पशुओं का बचाव कैसे करें। (How to Protect Animals
from Lumpy Virus)
1. रोग से ग्रसित पशुओं को दूसरे पशुओं से अलग ही रखें।
2. मक्खी, मच्छर, जू आदि को उनके आसपास बिलकुल ना आने दे।
3. लंपी वायरस (Lumpy Virus) से ग्रसित पशु की मौत हो जाने पर उसके शव को कतई खुला न छोड़ें।
4. जिस जगह पर इस रोग से ग्रसित कोई पशु हो तो वहां पर कीटाणु नाशक दवाओं का छिड़काव अवश्य ही करवाए।
निष्कर्ष
Conclusion
फ्रेंड्स आशा करता हूं हमारे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। हमारा काम आपको जागरूक करना है, लेकिन किसी भी दवाई या किसी तरह के रोग के इलाज के लिए अपने नजदीकी चिकित्सक से अवश्य ही सलाह ले लें। अगर आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आए तो शेयर जरूर करें।
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