फ्रेंड्स आज जानेंगे एटीएम में CVV नंबर क्या होता है इसका मतलब क्या है जब भी आप ऑनलाइन किसी वेबसाइट या ऐप में कोई चीज खरीदते हैं तो वहां आपसे आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल मांगा जाता है। जैसे कार्ड नंबर, कार्ड होल्डर का नाम, एक्सपायरी डेट और सीवीवी (CVV) नंबर आदि इन सभी जानकारी को देने के बाद आप आसानी से भुगतान कर सकते हैं। कार्ड नंबर, कार्ड होल्डर का नाम और एक्सपायरी डेट के बारे में लगभग सभी लोग जानते है लेकिन CVV नंबर के बारे में बहुत कम लोगो को इसकी जानकारी रहती है। यह कोड कार्ड के पीछे होता है जो ज्यादातर एटीएम कार्ड (ATM Card) में तीन अंकों का होता है। अगर आप भी ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो आपने भी देखा होगा कि वेबसाइट या कोई ऐप आपकी परमिशन लेकर आपके अगले भुगतान के लिए आपके कार्ड की डिटेल सेव करके रखती है।
ताकि जब भी आप आगे पेमेंट करें तो आपको उस कार्ड की डिटेल भरने की जरुरत न पड़े लेकिन इनमें CVV नंबर एक ऐसा कोड (Code) होता है जिसे कोई भी वेबसाइट अपने सर्वर में सेव करके नहीं रखती है। इसका मतलब जब भी आप अपने कार्ड से ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो आपको भुगतान करने के लिए हर बार सीवीवी (CVV) नंबर भी अवश्य एंटर करना होता है। शॉपिंग साईट आपके CVV नंबर को सेव करके नहीं रख सकती क्योंकि उन्हें इसकी इजाजत नहीं होती है ऐसा क्यों है यह आपको आगे इस पोस्ट में पता चल जायेगा।
CVV नंबर क्या होता है?
दरअसल CVV
Number एक सिक्यूरिटी कोड होता है जिसकी फुल फॉर्म Card Verification Value होती है। वही हिंदी में सीवीवी को कार्ड सत्यापन कोड कहते हैं। इसे अक्सर CVC (Card Verification
Code) के नाम से भी जाना जाता है और यह डेबिट और क्रेडिट कार्ड में पीछे की तरफ होता है। पहले के समय में इसमें 11 अंक तक होते थे लेकिन यूजर की सुविधा को देखते हुए अब इसे केवल 3 या चार अंकों का कर दिया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि CVV का आविष्कार 1995 में यूके में माइकल स्टोन ने किया था। इसके लिए बकायदा एक जांच हुई थी और यह पाया गया था कि CVV कार्ड को ऑनलाइन सुरक्षित रखने में मदद करता है। जिसके बाद से सभी कार्ड कंपनियां अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड में CVV नंबर देने लगी हैं बता दू पहले यह 11 अंकों का हुआ करता था लेकिन अब यह 3 या 4 अंकों में सिमिट गया है।
कार्ड में कई तरह के कोड और पासवर्ड होते हैं जिनमें कुछ ऑनलाइन तो कुछ ऑफलाइन काम आते हैं। जैसे अगर आप एटीएम मशीन से पैसे निकालते हैं तो वहां कार्ड डालने पर आपका पिन नंबर (गुप्त कोड) पूछा जाता है। जबकि कार्ड से ऑनलाइन खरीददारी करने पर आपको सीवीवी नंबर जरुरत पड़ती है। जिस तरह पिन एटीएम में आपकी सिक्यूरिटी रखता है उसी तरह फ्रेंड्स ऑनलाइन वेबसाइट में CVV आपके कार्ड को सुरक्षित रखता है।
CVV Code क्यों जरुरी है
दोस्तों जब भी हम एटीएम में पैसे निकालने जाते हैं तो हमारे कार्ड का ऊपरी हिस्सा आस पास के लोग भी देख सकते हैं। अगर लोग चाहे तो गुप्त कैमरे से आपके कार्ड की जानकारी ऑनलाइन शॉपिंग के लिए अपने पास सेव करके भी रख सकते हैं। लेकिन यह जानकारी CVV कोड के बिना अधूरी रहती है क्योंकि सीवीवी कार्ड के पीछे होता है जो आसानी से दिखाई नहीं देता है। इस तरह फ्रेंड्स यह कोड आपके पिन की तरह आपके कार्ड को इंटरनेट में सुरक्षित रखता है।
इसके अलावा कार्ड से शॉपिंग करते वक्त आपसे वहां CVV कोड भी माँगा जाता है और इससे यह पता चलता है कि जिसने भी कार्ड की डिटेल भरी है उसके पास वास्तव में कोई कार्ड है या नहीं। अगर यूजर गलत सीवीवी कोड (CVV Code) डालता है तो उसका पेमेंट अधूरा रह जाता है यहीं वजह है कि बैंक वाले हमेशा आपको अपना CVV नंबर किसी के साथ शेयर न करने के लिए कहती है।
लेकिन अगर आपका क्रेडिट कार्ड (Credit Card) किसी चोर के हाथ लग जाता है और वह उसे पूरी तरह से एक्सेस कर लेता है तो आप अपने अकाउंट में मौजूद पैसों को नहीं बचा सकते हैं। इसलिए जब भी आपका कार्ड चोरी या गुम हो जाए तो आपको सबसे पहले अपने बैंक के कस्टमर केयर से बात करके उसे ब्लॉक करवा देना चाहिए और सभी बैंक वाले यही सलाह देते हैं।
एटीएम का CVV नंबर कैसे पता करें
अगर आप आम ग्राहक हैं तो आपके पास Rupay, Visa या फिर Master Card कंपनी का डेबिट कार्ड हो सकता है। सीवीवी (CVV) नंबर Visa या फिर Master Card कंपनी के डेबिट और क्रेडिट कार्ड में कार्ड के पीछे की तरफ चुंबकीय काली पट्टी के नीचे 3 अंकों का होता है। जबकि American Express कार्ड में CVV चार अंकों का होता है और यह कार्ड के आगे की तरफ ही होता है। CVV नंबर सभी क्रेडिट और डेबिट कार्ड में होता है ऐसे में आपको इसका पता करने में ज्यादा मुस्किल नहीं होना चाहिए।
तो अब आप जान गए होंगे कि आखिर CVV नंबर क्या होता है अगर आप भी ऑनलाइन शॉपिंग के लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपको अपना CVV नंबर छिपाकर रखना चाहिए। जैसे आप डेबिट कार्ड के पिन को रखते हैं और इस कोड का इस्तेमाल सिर्फ ऑनलाइन लेनदेन करने पर ही होता है ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति आपसे CVV कोड मांगता है तो आप उसे बिलकुल भी शेयर न करें। आमतौर पर सीवीवी नंबर आपके कार्ड की सिक्यूरिटी के लिए होता है ऐसे में आपको इसे किसी के भी साथ शेयर नहीं करना चाहिए।
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