फ्रेंड्स आज हम बात करने वाले हैं कि एक दिन पहले ही कैसे पता करें कि किस शेयर का प्राइस ऊपर जा सकता है और किस शेयर की प्राइस में गिरावट होने वाली है?
जी हां, आप कुछ हद तक अगले दिन या फिर कल शेयर बाजार खुलते ही कौन सा शेयर ऊपर जाएगा या नीचे इसका सही-सही अंदाजा आप लगा सकते हैं. इसके लिए फ्रेंड्स आपको कुछ चीजों पर नजर रखनी होगी जिसके बारे में हम आज आपको बताएंगे.
“किसी भी शेयर या स्टॉक का Price ऊपर जाएगा या नीचे, इसका पता लगाने के लिए आप टेक्निकल एनालिसिस के अलग-अलग मेथड्स जैसे कि: कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न्स, मूविंग एवरेज, ट्रेडिंग टर्मिनल, सपोर्ट रेजिस्टेंस और अलग-अलग इंडिकेटर्स का उपयोग करके आप कोई शेयर बढ़ेगा या घटेगा इसका पता लगाया जा सकता है।”
Kaise pata kare Share upar jayega ya niche
आपने शेयर बाजार (Share Market) के कुछ एक्सपर्ट लोगों को देखा होगा कि वह 1 दिन पहले ही भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) ऊपर जाएगा या नीचे इसकी सही-सही जानकारी दे देते हैं और जब अगले दिन बाजार खुलता है तो उनकी जानकारी अधिकतर सही निकलती है।
लेकिन ऐसा कैसे हो पाता है और आप यह सब कैसे कर सकते हैं?
देखिए फ्रेंड्स मैं आपको एक बात क्लियर कर दूं कि दुनिया में कोई भी 100% गारंटी के साथ नहीं नहीं बता सकता है कि कल शेयर मार्केट (Share Market) ऊपर ही जाएगा या फिर नीचे ही जाएगा।
आप कुछ पैरामीटर्स को ध्यान में रखते हुए केवल एक अनुमान लगा सकते हैं जो कि केवल कुछ हद तक अगले दिन शेयर मार्केट कैसा रहेगा इसकी परफॉर्मेंस का सटीक सटीक अंदाज दे सकता है।
शेयर बाजार में जो नए निवेशक या ट्रेडर हैं, उनकी सोच ऐसी होती है कि कहीं से भी कोई उन्हें सिर्फ यह बता दे कि कौन सा शेयर (Share) बढ़ने वाला है और वह तुरंत जाकर उसमें पैसा इन्वेस्ट (Invest) कर दें और जल्दी अमीर बन जाए।
लेकिन ऐसे लोग जो सोचते हैं उनके साथ बिलकुल उसका उल्टा होता है मतलब उनका पैसा डूब जाता है।
तो फिर आपको क्या करना चाहिए? अन्य अनुभवी शेयर मार्केट (Share Market) एक्सपर्ट की तरह आप एक दिन पहले ही कैसे पता करेंगे कि शेयर का भाव ऊपर जा सकता है या शेयर में गिरावट होने वाली है?
तो आइए कुछ पॉइंट के माध्यम से जानते हैं कि कल शेयर बाजार बढ़ेगा या गिरेगा, आप 1 दिन पहले कैसे पता कर सकते हैं:-
1. अमेरिकन शेयर बाजार पर नजर रखें
जैसा कि आप जानते हैं कि अमेरिका की इकॉनमी और अमेरिकन स्टॉक मार्केट (American Stock Market) दुनिया में सबसे मजबूत और बड़ा है. तो जब अमेरिकन शेयर बाजार पर कोई संकट आता है या फिर गिरावट होती है तो पूरी दुनिया का बाजार हिल जाता है और जिसमें भारतीय शेयर बाजार भी शामिल है।
ठीक इसी प्रकार जब अमेरिकन बाजार ऊपर जाता है तो भारतीय शेयर बाजार में भी तेजी देखी जाती है।
ऐसा अक्सर देखा गया है कि अगर अमेरिकन शेयर मार्केट तेजी (gap up opening) के साथ खुलता है तो इंडियन शेयर मार्केट भी तेजी के साथ खुलता है, इसी प्रकार जब अमेरिकन बाजार में गिरावट का माहौल बनता है तो इंडियन शेयर बाजार पर भी इसका असर दिखता है।
अब यह कोई निश्चित नियम नहीं है लेकिन आप नोटिस (Notice) करें तो 10 में से 8 बार ऐसा ही होता है।
‘Dow jones इंडस्ट्रियल एवरेज’ अमेरिका की सबसे बड़ी कंपनियों का इंडेक्स (Index) है जो पूरे Stock Market का लगभग सही अनुमान दे देता है.
इसलिए आपको रोजाना Dow jones index पर ध्यान रखना चाहिए. और आप अधिकतर बार देखेंगे कि जिस दिन Dow jones इंडेक्स ऊपर जाता है तो इंडिया में निफ्टी और सेंसेक्स भी ऊपर जाते हैं
और जब Dow jones Index नीचे जाता है तो NIFTY और Sensex में भी गिरावट देखी जाती है।
Dow jones के अलावा आप S&P 500 पर भी नजर रख सकते हैं जो कि अमेरिकन कंपनियों का ही इंडेक्स है।
और अगर आप भारतीय आईटी सेक्टर की कंपनियों (TCS, Wipro, Infosys, Tech
Mahindra) पर नजर रखना चाहते हैं तो NASDAQ को भी आपको चेक करते रहना चाहिए।
जिस तरह इंडिया में बैंक निफ़्टी इंडिया के सबसे बड़े बैंकों का इंडेक्स है उसी तरह NASDAQ अमेरिका की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों का इंडेक्स है.
यह तो बात हो गई स्टॉक इंडेक्स (Stock Index) की, जो आपको एक अनुमान या संकेत दे देती है कि इंडिया का NIFTY या Sensex ऊपर जाएगा या नीचे।
दोस्तों अगर आप सिर्फ इसी बात को पकड़ लेते हैं कि यह strategy चलेगी ही चलेगी और हर बार जब Dow jones Index ऊपर जायगा तो निफ़्टी और सेंसेक्स भी ऊपर ही जाएगी.. जबकि ऐसा कुछ नहीं है
ऐसा बहुत बार हुआ है अमेरिकन बाजार ऊपर गया हो और भारतीय बाजार में गिरावट देखने को मिली हो।
इसीलिए जरूरी नहीं है कि आप सिर्फ और सिर्फ इसी नियम को पकड़ कर बैठ जाएं, लेकिन हां 70 से 80% cases में भारतीय शेयर बाजार का परफारमेंस अमेरिकन बाजार की तरह ही होता है।
2. अन्य विदेशी बाजारों पर भी नजरें रखें
इसके अलावा आपको अन्य देशों के शेयर बाजार (European Market) पर भी नजर रखनी चाहिए क्योंकि अधिकतर बार देखा गया है कि जब कोई बड़ी गिरावट होती है तो इसका असर दुनिया के सभी शेयर मार्केट (Share Market) पर देखा जाता है जैसा कि 2008 के (financial crisis) और कोविड-19 संकट के समय हुआ था।
और इसी प्रकार जब दुनिया के सभी बाजारों में रिकवरी आती है तो इंडियन शेयर मार्केट में भी रिकवरी होती है क्योंकि दुनिया की इकॉनमी आपस में एक दूसरे से जुड़ी हुई है।
इसका अगर एक उदाहरण देखें तो-
जब क्रूड ऑयल (crude oil) का प्राइस बढ़ता है तो कई देशों के शेयर बाजार डाउन हो जाते हैं जिसमें भारतीय शेयर बाजार भी शामिल है क्योंकि इंडिया में 60% से 70% क्रूड आयल को विदेशों से इंपोर्ट (Import) किया जाता है।
और अगर आप इसकी हिस्ट्री को समझने बैठेंगे तो आपको पता चलेगा कि क्रूड ऑयल (crude oil) एक ऐसी कमोडिटी है जो इंडिया की इकोनामी और शेयर बाजार पर बहुत गहरा असर डालती है।
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फ्रेंड्स जिसके बारे में हम कभी विस्तार से चर्चा करेंगे, अब अगला पॉइंट समझते हैं-
3. इंडियन शेयर बाजार की कंपनियों के ADR चेक करो
दोस्तों ADR
का मतलब होता है American Depositary
Receipt. आपने देखा होगा कि इंडिया के ही कुछ स्टॉक अमेरिकन स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) पर भी लिस्टेड होते हैं जैसे- Infosys, HDFC Bank, Wipro,
Dr. Reddy, Pfizer आदि।
और आपको यह भी पता होगा कि इंडियन स्टॉक मार्केट और अमेरिकन स्टॉक मार्केट के खुलने का टाइम और बंद होने का टाइम अलग-अलग होता है। जिसका आप फायदा उठा सकते हैं.
इंडिया की लिस्टेड कंपनियों के जो शेयर विदेशी मार्केट के स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होते हैं वह लगभग वैसा ही परफॉर्म करते हैं जैसा वह भारत में करते हैं।
मान लो कल आपको Wipro का शेयर खरीदना है, तो आप अमेरिकन बाजार खुलते ही न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) पर लिस्टेड Wipro के शेयर की मूवमेंट को ट्रैक कर ले.
अगर शेयर ऊपर जाता है तो इंडिया में भी जब शेयर बाजार खुलेगा तो वह ऊपर ही जाएगा और ठीक ऐसा ही गिरावट के केस में होगा।
वैसे ये तकनीक निवेशकों से ज्यादा ट्रेडर लोगों के काम आती है पर क्योंकि अगर स्टॉक (Stock) पूरे दिन डाउन ही रहता है और ऊपर नहीं जाता है तो आपको उसमें पोजीशन नहीं बनानी चाहिए.
लेकिन अगर स्टॉक अच्छा खासा ऊपर जाता है तो आप बाजार खुलते ही उस स्टॉक (Stock) को खरीद लीजिए, क्योंकि 70-80% चांसेस होंगे कि आप प्रॉफिट ही कमाएंगे।
अधिकतर इंट्राडे ट्रेडर्स (Intraday traders) और F&O (फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस) में ट्रेडिंग करने वाले लोग इससे फायदा उठा सकते हैं। बता दे क्योंकि वह अमेरिकन बाजार बढ़ने पर प्रॉफिट कमाते हैं और गिरावट के कारण शॉर्ट सेलिंग (short selling) करके भी पैसा कमा लेते हैं।
फ्रेंड्स मैं दोबारा आपसे कहता हूं कि 10 में से 10 बार यह strategy काम नहीं करती है क्योंकि अगर हंड्रेड परसेंट (100 %) ऐसा ही होता तब तो फिर सभी लोग सिर्फ यही करने लगते इसलिए इसमें भी थोड़ा रिस्क जरूर है लेकिन फिर भी लगभग 50-60% तो यह तरीका काम करता ही है।
अब आपको देखना है कि आखिर कौन कौन सा भारतीय कंपनियों के ADR यानी डुप्लीकेट शेयर दूसरे देशों के स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड है।
इसके लिए आपको सिर्फ India ADR लिखकर गूगल पर सर्च कर लेना है और फिर आपको पहली वेबसाइट को खोलना है, वहां पर आपको indian ADR की लिस्ट दिख जाएगी (स्टॉक (Stock) के सामने यह भी बताया होता है कि वह कितने (%) ऊपर या नीचे गया है)
4. NSE से
Stock की डिलीवरी पोजीशन चेक करें
यह पॉइंट बहुत ही महत्वपूर्ण है। अगर आप एक दिन पहले ही पता करना चाहते हैं कि कौन सा शेयर बढ़ेगा तो आपको NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर Delivery positions को चेक कर लेना है.
Delivery positions को देखने से आपको पता चलता है कि स्टॉक में कितने प्रतिशत (%) quantity trade हुई है.
अगर
quantity बहुत ज्यादा है तो इसका मतलब है कि किसी इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर ने माल को खरीदा है।
इसका मतलब हो सकता है कि कल उस शेयर के बढ़ने का अनुमान अधिक हो।
अगर किसी स्टॉक में 1 दिन पहले डिलीवरी ज्यादा 45 से 50% देखने को मिलती है तो इसका मतलब है कि कल वह शेयर gap up opening के साथ खुलेगा यानी कि ऊपर जाने के संभावना अधिक हैं।
इसीलिए आप जिस स्टॉक (Stock) को खरीदना चाहते हैं उसकी डिलीवरी पोजीशन एक बार जरूर चेक कर लें।
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डिलीवरी पोजीशन कैसे चेक करें?
डिलीवरी पोजीशन चेक करने के लिए सबसे पहले आपको NSE की ऑफिशल वेबसाइट पर जाना होगा।
अब आपको सर्च बार में उस स्टॉक का नाम लिखकर Search करना है जिसकी डिलीवरी पोजीशन के बारे में आप जानना चाहते हैं।
उसके बाद अगला पेज खुलेगा जिसमें नीचे की तरफ आपको ‘Security-wise delivery
positions‘ पर क्लिक करना है.
उस ऑप्शन पर क्लिक करते ही आपको उस stock की traded quantity और delivery position के बारे में पता चल जाएगा।
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