Ukraine: यूक्रेन और रूस के बीच में युद्ध जैसी परिस्तिथियां बन रही थी, और इन्ही (Russia-Ukraine Conflict) परिस्थितियों को देख कर के यह फरमान जारी किया गया है कि भारतीय स्टूडेट्स जितनी जल्दी हो सके ये देश छोड़ दे।
यूक्रेन (Ukraine) की राजधानी कीव में स्थित भारतीय दूतावास ने 15 फरवरी को एक फरमान जारी किया था। जिसमें भारतीय स्टूडेंट्स से यह कहा गया कि, वे जल्दी से जल्दी यूक्रेन छोड़ दे और आपने देश वापस चले जाएं।
अब ये सवाल उठना भी लाजमी है कि, आखिर क्यों भारतीय छात्र भारत छोड़ के यूक्रेन में ही पढ़ने जाते है, और यूक्रेन (Ukraine) में कितने भारत के छात्र-छात्राएं हैं जो इस समय वहां मौजूद है जिनके लिए भारतीय दूतावास को ये फरमान जारी करना पड़ा।
सरकार के कुछ आंकड़ों के मुताबिक यूक्रेन में इस समय तकरीबन 20 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे थे।
यूक्रेन
(Ukraine) के दूतावस्य के आंकड़े के मुताबिक इनमें से ज्यादातर स्टूडेंट मेडिकल से संबंधित शाखाओं की पढ़ाई के लिए वहां हैं। जैसे- एमबीबीएस, डेंटल, नर्सिंग आदि। यह भी बताया गया है कि 2 हजार से 3 हजार भारतीय छात्र-छात्राएं तो रूस से लगी हुई हुई सीमाओं के पास हैं। इन सीमा वाले इलाकों में रूस ने 1.30 लाख सैनिकों को पूरी तयारी के साथ युद्ध के लिए तैनात कर कर रखा है। इसलिए छात्रों में डर का माहौल बना हुआ है।
कुछ छात्रों ने यह भी बताया है कि वहां शहर के चौराहों पर सैन्य टैंकों की तस्वीरे टंगी है। रात दिन उनके वहा गश्त हेलीकॉप्टरों की आवाजें सुनाई देती रहती हैं।
भारतीय स्टूडेंट चाहते हैं कि सरकार कुछ करे पता नही कब क्या हो जाए। छात्रों के द्वारा यह भी बताया गया कि, जब से भारतीय स्टूडेंट्स के लिए देश वापस लौटने का मशविरा जारी किया गया है। फ्लाइट के किराए में 2.5 गुना बढ़ोत्तरी हुई है। जो टिकट पहले 80,000 रुपए का था अब वो 2 लाख रुपए में मिल रहा है।
आपको बता दू भारत ही नही रूस-यूक्रेन तनाव (Russia-Ukraine Conflict) की वजह से अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, लातविया,नॉर्वे और डेनमार्क ने भी अपने नागरिकों को कहा हैं।
भारतीय छात्र छात्राओं को यूक्रेन (Ukraine) जाने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि वहां मेडिकल में भारत जितनी प्रतिस्पर्द्धा नहीं है। यूक्रेन की मेडिकल डिग्री की मान्यता बहुत ज्यादा है। यूक्रेन की डिग्री की मान्यता भारत सहित डब्ल्यूएचओ, यूरोप और ब्रिटेन में भी बहुत है। यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राएं दुनिया के किसी भी देश में जाकर प्रैक्टिस कर सकते हैं। एक वजह यह भी है कि यूक्रेन के कॉलेजों में एमबीबीएस की पढ़ाई करने की फीस केवल 4 से 5 लाख रुपये है जो भारत के मुकाबले बहुत ही कम है।
इसी वजह से भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन (Ukraine) जाते है।
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